नेपाल रिलीफ मिशन: चौथा दिन (10 मई) : धुलिखेल अस्पताल : भाग 1
इन्टरनेट और मित्रों के माध्यम से ये जानकारी मिल चुकी थी कि सिंधुपालचोक में कोई बड़ा अस्पताल नहीं है और उस पुरे इलाके के मरीजों का इलाज धुलिखेल अस्पताल में ही हो रहा है। धुलिखेल अस्पताल कम्युनिटी फंडिंग से बना एक मेडिकल कॉलेज है जो काठमांडू युनिवर्सिटी के तहत संचालित है। लगभग 150 किलोमीटर कि रेडियस से मरीज आते है। अस्पताल द्वारा आस पास के जिलो में कुल 18 सटेलाईट मेडिकल रिलीफ क्लिनिक्स भी चलाये जा रहें है, जिनमे से कुछ भूकंप में ध्वस्त हो गए।



हम सुबह 8 बजे धुलिखेल अस्पताल पहुंचे, डॉ० राजीव बिष्ट और निर्देशक डॉ० राजेन्द्र कुज़ु से मुलाकात हुई, उन्होंने बताया कि वो ना केवल मरीजो के इलाज़ का कार्य करा रहें है वरन मरीजो को सभी ज़रुरी राहत सामग्री भी बाँट रहें है और अपने सटेलाईट सेंटर्स के माध्यम से वो दूर दराज के ग्रामीण इलाको में भी राहत सामग्री जैसे कि टेंट, त्रिपाल, चटाई, कम्बल, कपडे, जुते, बर्तन, खाद्य पदार्थ आदि का भी वितरण कर रहें है।
हमने अपनी सारी बची हुई (लगभग 80%) दवाइयों को यहाँ धुलिखेल अस्पताल में देने का निर्णय किया, साथ ही आधी नॉन मेडिकल राहत सामग्री भी धुलिखेल अस्पताल को देने का निर्णय किया।



फ़ोटो: नेपाल के धुलिखेल स्थित धुलिखेल अस्पताल में भूकम्प पीड़ितो के सहायतार्थ जरुरी सामग्री वितरित करते सिमेज के सदस्य।
नेपाल रिलीफ मिशन : चौथा दिन (10 मई) : इन्द्रावती नदी -भोटशिपा गांव (सिंधुपालचोक) : भाग 1



नेपाल रिलीफ मिशन : चौथा दिन (10 मई) : धुलिखेल अस्पताल : भाग 2



नेपाल रिलीफ मिशन : चौथा दिन (10 मई) : धुलिखेल अस्पताल : भाग 3



नेपाल रिलीफ मिशन : चौथा दिन (10 मई) : धुलिखेल अस्पताल : भाग 4



नेपाल रिलीफ मिशन: चौथा दिन (11 मई): इन्द्रावती नदी -भोटशिपा गांव (सिंधुपालचोक)






नेपाल रिलीफ मिशन : पांचवा दिन (11 मई) : भोटशिपा गांव (सिंधुपालचोक) : भाग 3
इन्टरनेट और मित्रों के माध्यम से ये जानकारी मिल चुकी थी कि सिंधुपालचोक में कोई बड़ा अस्पताल नहीं है और उस पुरे इलाके के मरीजों का इलाज धुलिखेल अस्पताल में ही हो रहा है। धुलिखेल अस्पताल कम्युनिटी फंडिंग से बना एक मेडिकल कॉलेज है जो काठमांडू युनिवर्सिटी के तहत संचालित है। लगभग 150 किलोमीटर कि रेडियस से मरीज आते है। अस्पताल द्वारा आस पास के जिलो में कुल 18 सटेलाईट मेडिकल रिलीफ क्लिनिक्स भी चलाये जा रहें है, जिनमे से कुछ भूकंप में ध्वस्त हो गए।
हमने अपनी सारी बची हुई (लगभग 80%) दवाइयों को यहाँ धुलिखेल अस्पताल में देने का निर्णय किया, साथ ही आधी नॉन मेडिकल राहत सामग्री भी धुलिखेल अस्पताल को देने का निर्णय किया।



नेपाल रिलीफ मिशन : पांचवा दिन (11 मई) : भोटशिपा गांव (सिंधुपालचोक) : भाग 4





